सफेद संगमरमर में राधा और कृष्ण की मूर्तियाँ (मूर्ति) | सफेद संगमरमर में भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति (मूर्ति)

सफेद संगमरमर में राधा और कृष्ण की मूर्तियाँ (मूर्ति) | सफेद संगमरमर में भगवान राधा कृष्ण की मूर्ति (मूर्ति)

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विवरण -

राधा और कृष्ण की सफ़ेद संगमरमर की मूर्ति हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण और उनकी शाश्वत और सबसे प्रिय पत्नी मानी जाने वाली राधा के बीच दिव्य प्रेम और मिलन का प्रतीक है। यहाँ राधा और कृष्ण को एक साथ दर्शाती सफ़ेद संगमरमर की मूर्ति का विवरण और अर्थ दिया गया है:

  • राधा: राधा को अक्सर एक सुंदर, युवा स्त्री के रूप में दर्शाया जाता है, जो भगवान कृष्ण के बगल में खड़ी या बैठी होती हैं। उन्हें आमतौर पर पारंपरिक पोशाक पहने, आभूषणों से सुसज्जित, और भगवान कृष्ण के गुणों के समान कमल का फूल या बांसुरी लिए हुए दिखाया जाता है।
  • कृष्ण: भगवान कृष्ण को एक आकर्षक, नीले रंग के देवता के रूप में दर्शाया गया है जो मोरपंखों का मुकुट पहने हुए हैं। उन्हें अक्सर बांसुरी बजाते या राधा के साथ प्रेम मुद्रा में दिखाया जाता है।
  • मुद्राएँ: राधा और कृष्ण की मूर्तियों को विभिन्न मुद्राओं में दर्शाया जा सकता है, जिसमें रास लीला नृत्य, स्नेहपूर्ण आलिंगन में एक साथ खड़े होना, या एक साथ संगीत बजाना शामिल है।
  • संगत: मूर्तियों में गाय, मोर या कमल के फूल जैसे अन्य तत्व शामिल हो सकते हैं, जो वृंदावन में भगवान कृष्ण के जीवन और राधा के साथ उनके संबंध का प्रतीक हैं।

अर्थ:

  • दिव्य प्रेम: राधा और कृष्ण मिलकर दिव्य प्रेम और भक्ति के प्रतीक हैं। उनके रिश्ते को अक्सर जीवात्मा और परमात्मा के बीच आदर्श प्रेम के रूप में देखा जाता है। यह भक्त और भगवान के बीच गहरे, निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है।
  • आध्यात्मिक आकांक्षा: राधा और कृष्ण के भक्त उनकी प्रेम कहानी को आत्मा की ईश्वर से मिलन की लालसा का प्रतीक मानते हैं। यह मूर्ति आध्यात्मिक ज्ञान और ईश्वर से परम मिलन की आत्मा की लालसा की याद दिलाती है।
  • दिव्य मिलन का प्रतीक: राधा और कृष्ण का मिलन भक्त की आत्मा और परम सत्ता के एकत्व का प्रतीक है। यह ईश्वर और भक्त के बीच के गहन संबंध को दर्शाता है, जहाँ व्यक्तित्व दिव्य प्रेम में विलीन हो जाता है।
  • सौन्दर्यबोध: राधा और कृष्ण की सफ़ेद संगमरमर की मूर्तियाँ अक्सर जटिल नक्काशी से बनी होती हैं और कला की उत्कृष्ट कृतियाँ होती हैं। ये अपनी सुंदरता और शिल्प कौशल के लिए मूल्यवान हैं।
  • भक्ति अभ्यास: भक्त अक्सर इन मूर्तियों को अपनी भक्ति प्रथाओं के केंद्र बिंदु के रूप में उपयोग करते हैं, जिसमें प्रार्थना, ध्यान और भजन (भक्ति गीत) गाना शामिल है।
  • प्रेम और भक्ति की प्रेरणा: ऐसा माना जाता है कि घर या मंदिर में राधा और कृष्ण की एक साथ उपस्थिति भक्तों और उनके परिवारों के बीच प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक संबंध की भावना को प्रेरित करती है।
  • प्रेम का उत्सव: उनकी दिव्य प्रेम कहानी होली और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान मनाई जाती है, जहां भक्त राधा और कृष्ण के जीवन के प्रसंगों को दोहराते हैं, तथा उनके रिश्ते के आनंदमय और चंचल पहलुओं पर जोर देते हैं।

विशेष विवरण -

  • प्रकार: धार्मिक मूर्ति राधा और कृष्ण
  • सामग्री: संगमरमर
  • आयाम: 18.5 सेमी x 6.5 सेमी
  • अनुमानित वजन: 600 ग्राम
  • गणेश मूर्ति का रंग सफेद है और इसकी ऊंचाई 6.5 इंच है।
  • हल्की सफ़ाई के लिए सूखे कपड़े/ब्रश से पोंछें। आप गीले कपड़े से भी पोंछ सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि यदि परिवहन के दौरान यह टूट जाता है तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है।

(कृपया ध्यान दें कि डिज़ाइन या रंग मूल से भिन्न हो सकते हैं!)

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