पूजा के लिए लाल माता की चुनरी (छोटी)
पूजा के लिए लाल माता की चुनरी (छोटी)
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आकार - लगभग ऊंचाई -30 सेमी * लंबाई -30 सेमी और ऊंचाई -40 सेमी * लंबाई -40 सेमी
माता की चुनरी मुलायम जालीदार कपड़े से बनी होती है जिस पर सोने के फीते और सोने की सजावट की जाती है। देवी, देवता या किसी भी देवता को चुनरी चढ़ाना एक सदियों पुरानी परंपरा है जो देवताओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है। देवता की मूर्ति स्थापित करने से पहले भी चुनरी चढ़ाई जाती है।
चुनरी को एक आसन पर रखा जाता है और फिर उसके ऊपर देवी की मूर्ति स्थापित की जाती है। मूर्ति और देवी की तस्वीर के ऊपर चुनरी ओढ़ाना भी एक व्यापक रूप से प्रचलित परंपरा है।
यह समृद्ध चुनरी मूर्तियों और वेदी को चमक और शोभा प्रदान करती है। चुनरी उत्सवों का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका उपयोग प्रदर्शनों, समारोहों और प्रार्थनाओं के दौरान मूर्तियों के सिर और कंधों को ढकने के लिए किया जाता है।
चुनरी चढ़ाना प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है और यह देवताओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
यह चुनरी उत्तम, उच्च-गुणवत्ता वाले नेट फ़ैब्रिक से बनी है जिसके बाहरी हिस्से पर सुनहरे रंग का लेस लगा है। इसमें स्टारबर्स्ट ग्लिटर वर्क भी है जो इसे एक प्रीमियम लुक देता है। लाल और सुनहरे रंग मिलकर पूरे परिधान को एक अद्भुत आभा प्रदान करते हैं। चुनरी का उपयोग नवरात्रि पूजा, माता की चौकी, दिवाली, दुर्गा पूजा, कन्याओं/लड़कियों को उपहार देने, गणेश चतुर्थी और विवाह समारोहों में किया जा सकता है। इसे किसी भी देवी की मूर्ति स्थापित करने से पहले भी पहनाया जाता है।
(कृपया ध्यान दें कि डिज़ाइन या रंग मूल से भिन्न हो सकते हैं!)

